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ऋषिकेश एम्स में घोटाले में सीबीआई का शिकंजा, आठ पर केस; प्रोफेसर से की घंटों पूछताछ

ऋषिकेश एम्स में घोटाले में सीबीआई का शिकंजा, आठ पर केस; प्रोफेसर से की घंटों पूछताछ

AIIMS Rishikesh: सीबीआई की छापेमारी में 3 साल पहले खरीदी वेसल सीलिंग मशीन का एक अन्य सहायक उपकरण भी हाथ लगा, पाया गया 3 साल से पैकिंग नहीं खोली गई थी

ऋषिकेश-चिकित्सा उपकरणों की खरीद में धांधली कर ऋषिकेश एम्स को 6 करोड़ का चूना लगाने पर सीबीआई ने मुकदमा दर्ज किया है, सीबीआई ने एम्स प्रोफेसर, बिहार के पूर्व मंत्री के बेटे समेत आठ लोगों को आरोपी बनाया है, सीबीआई ने सोमवार को मुकदमा दर्ज कर बुधवार को आरोपियों के ठिकानों पर दबिश दी, छापेमारी में अहम दस्तावेज मिलने का दावा किया जा रहा है। सीबीआई की टीम ने दो आरोपियों को गुप्त स्थान पर ले जाकर घंटों पूछताछ की, चिकित्सा उपकरणों में खरीद घोटाले की खबर के बाद 31 मार्च को सीबीआई की टीम एम्स ऋषिकेश पहुंची थी,टीम ने एम्स अधिकारियों के साथ चिकित्सा उपकरण खरीद प्रकरण की जांच की।

क्या था मामला

वर्ष 2019-20 में एम्स में बड़ी संख्या में उपकरणों की खरीद फरोख्त की गई थी। आरोप था कि उपकरणों की खरीद ऐसी फर्म से की गई जो बोली प्रक्रिया में शामिल ही नहीं थी। फर्म से प्रति उपकरण रुपये 55,38312 की दर से सात उपकरण खरीदे गए। बाद में इसी कीमत पर पांच और उपकरण खरीदे गए। जबकि कुछ वर्ष पूर्व एम्स ने यही उपकरण 19,92,480 की दर से खरीदा था। इस तरह इस पूरी खरीद में एम्स को 6 करोड़ से अधिक का नुकसान पहुंचाया गया।

इनके खिलाफ हुआ मुकदमा दर्ज

1. डा. बलराम जी उमर, एडिशनल प्रोफेसर, डिपार्टमेंट ऑफ माइक्रो बॉयोलाजी,
2. आरोग्य इंटरनेशनल, कुमार हाउस सेंट्रल मार्केट, प्रशांत विहार नई दिल्ली।
3. विश्ववीर वर्मा, पितांपुरा, नई दिल्ली।
4. सुमन वर्मा, पितांपुरा, नई दिल्ली।
5. रिया एजेंसीज, ट्रांसपोर्ट नगर, जोधपुर।
6. निखिल कुमार, एमपी कोठी, महादेव रोड न्यू दिल्ली।
7. आदित्य कुमार, जगसारा, हरदोई उत्तर प्रदेश।

एम्स ऋषिकेश में सीबीआई की दस्तक


जांच में खुलासा हुआ कि उपकरण खरीद समिति के संयोजक डॉक्टर बलराम उमर ने अधिकारों का दुरुपयोग कर खरीद एजेंसी को अनुचित फायदा पहुंचाया। बताया गया कि खरीद प्रक्रिया से एम्स ऋषिकेश को 6 करोड़ का नुकसान पहुंचा। सीबीआई ने एम्स प्रोफेसर सहित 7 नामजद और एक अज्ञात पर 21 अगस्त को मुकदमा दर्ज किया। एक आरोपी निखिल बिहार सरकार के पूर्व पर्यटन मंत्री नारायण प्रसाद का बेटा है। बुधवार को सीबीआई की टीम डॉक्टर बलराम उमर और ऋषिकेश में निखिल के आवास पर छापे मारे। निखिल के खिलाफ ऋषिकेश कोतवाली में पहले से भी केस दर्ज हैं।

चिकित्सा उपकरणों में खरीद घोटाला


सीबीआई की छापेमारी में 3 साल पहले खरीदी वेसल सीलिंग मशीन का एक अन्य सहायक उपकरण भी हाथ लगा। बताया गया 3 साल से पैकिंग नहीं खोली गई थी. अंदाजा है कि खरीद का उद्देश्य फर्म को फायदा पहुंचाने का था। एम्स ऋषिकेश में अनियमिताओं की जांच के लिए 31 मार्च को सीबीआई और एंटी करप्शन ब्यूरो की टीम पहुंची थी, वर्ष 2019 और 2020 के दौरान उन्नत वेसल सीलिंग उपकरणों को ऊंची कीमत पर खरीद लिया गया था। खरीदी से ऋषिकश एम्स को नुकसान हुआ और निजी फॉर्म को लाभ पहुंचा। अब सीबीआई ने 8 लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर जांच शुरू कर दी है। दो लोगों के आवास पर सीबीआई ने दबिश भी है।छापेमारी के बाद से एम्स प्रशासन में हड़कंप मचा हुआ है।


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